Latest Stories
Remort control / रिमोट कंट्रोल
शाम का समय था यही कोई 6:00 बज रहे होंगे, घड़ी के कांटे अपनी रफ्तार में चल रहे हैं । सदियों से रफ्तार वही है पर लगता है समय अब कम होते जा रहे हैं, खुद को ढूंढने के लिए वक्त निकलना बड़ा मुश्किल है, इस बात की सत्यता का प्रतिशत दिनों दिन बढ़ता जा […]...
Kirdaar | किरदार
घर जाने की इच्छा मन में कुलांचे भरने लगे थे । कंप्यूटर से देखने पर ट्रेन गांव के लिए 3:15 PM दोपहर में थी । सही समय पर महेश ने जल्दी से सीमा को खाना बनाने एवं सामान बांधने के लिए कहा । उस दिन उसका साला भी इटारसी से अमरकंटक एक्सप्रेस मे सुबह 7:30 […]...
Gannaras | गन्ना रस
यही कोई 3:00 बज रहे होंगे दोपहर का समय था, दिनांक 12 /04/ 2022 था। आप अप्रैल माह से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में इस समय गर्मी कितनी पढ़ती है । हवा पूरा गर्म हो चुका था। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के साथ सब राहगीरों की परीक्षा ले रहा था । उस […]...
Buddha Kaun | बूढ़ा कौन
संजय और प्रमोद वर्ष 2015 में जब पहली बार रायगढ़ स्टेडियम बैडमिंटन खेलने के चाहत से सुबह पहुंचे तो उन्होंने 55 – 60 वर्ष के एक टीम को एक कोर्ट पर खेलते पाया। इस स्टेडियम में दो कोर्ट हैं – एक आड़ी, दूसरी वाली खडी । वह टीम जहां वो खेल रहे थे स्टेडियम के […]...
Nirmata | निर्माता
एक मोची था। वह जूते बनाता था एवं पालिश करके उसे बेचकर अपनी जीवन चलाता था। पर वह एक समझदार व्यक्ति था । उसने अपने बेटे को अच्छी तरह से पढ़ाया – लिखाया । एक वक्त ऐसा आया कि उसका बेटा आगे पढ़ाई करने हेतु पैसों की कमी की बात अपने पिताजी को बताया । […]...
Aohada | औहदा
मां शब्द अपने आप में अद्भुत है इस शब्द में पूरा संसार सीमट जाता है। बच्चा जन्म के बाद पहला शब्द मां का ही उच्चरित करता है क्यों ? कभी आपने शांत होकर सोचा है ? सोचने के बाद लगता है क्यों ना हो मां का पहला उच्चारण ? वह 09 महीने तक उसे अपने […]...
Hamara Sangharsh | हमारा संघर्ष
यही कोई 1:30 बज रहे होंगे तभी शौर्य का कॉल आया उस वक्त सागर ऑफिस में बैठा था। उसने कॉल रिसीव की और बात करने लगे यह दिनांक 16/ 02 /22 की घटना है । शौर्य ने सागर से उसके जीवन से जुड़े एक वाकया पर बात करने लगा । बताया कि यार मेरे गांव […]...
Man se Antarman tak | मन से अंतर्मन तक
मन बड़ा ही चंचल है, गतिमान है, जिस की गति को मापने का शायद ही कोई यंत्र बना हो जो यह बता सके कि इसकी रफ्तार कितनी है। वह कैसे आता जाता है ? मन विचारों का एक प्रत्यय है, वह विचारों से निर्मित एक पुंज है जो व्यवहार को जन्म देता है । विचार […]...
Janadesh | जनादेश
शाम के 7:00 बजे थे, हटिया- भुवनेश्वर सुपरफास्ट ट्रेन प्लेट नंबर 5 से रायपुर से भुवनेश्वर की ओर चलने लगी। शनिवार का दिन था, भारी भीड़ भी थी, तभी राघव भी बोगी S – 10 में सवार हो गया। उसी समय टीटीयो का झुंड आया उन्होंने डिसाइड किया आप उधर जाओ हम इधर जाते हैं […]...
Vairagi ka Sansar | वैरागी का संसार
सुबह 4:45 में मोबाइल का अलार्म बजने लगा श्याम गहरी नींद में सो रहा था पर अलार्म की आवाज सुनाई दी, 5:00 बजे पिता जी उठाएंगे न यह सोचकर अलार्म स्टॉप कर पुनः सो गया, क्योंकि रात को श्याम ने अपने पिता जी को सुबह 5 बजे उठाने को कह दिया था। उसे पता था पिता जी सुबह जल्दी उठ जाते हैं। यह वर्षों से उनका काम है। वे संकीर्तन मंडली के सदस्य हैं। रमेश ने भी यहां यही बात कही थी कि तू पिताजी को सुबह उठाने की बात निः संकोच कह दे। रमेश श्याम का छोटा भाई है। मन में नफ़रत 1% था प्यार ज्यादा क्यो...
Ummeed | उम्मीद
बात उन दिनों की है जब संजय शिक्षक रहा, वह पहली बार एक अशासकीय विद्यालय में शिक्षक नियुक्त हुआ। उस वक्त उसकी उम्र करीब 23 वर्ष रही होगी। साल 2004 में वह ₹400 प्रति माह वेतन में काम करने लगा। वह स्वयं पीएससी की तैयारी का सपना पूरा करने के लिए वह ठान चुका था। उसे पढ़ना-पढ़ाना बहुत ही अच्छा लगता है, वह जब नियुक्त हुआ तब सोचने लगा कि मैं कोई भी काम करूंगा तो समाज इसे किस नजरिए से देखेगा। वह अपने व्यवहार के प्रति काफी जागरूक हो गया, कुछ समय तक वह सोचता रहा कि मैं एक शिक्षक की भ�...
Saccha Insaan | सच्चा इंसान
रायगढ़ शहर से करीब 11 - 12 कि. मी. दूर एक सब्जी वाला लड़का करीब 18 -19 वर्ष का नवयुवक है, परसरामपुर के पास सड़क में फिसल कर गिर गया था । वह गाड़ी को नहीं उठा पा रहा था, ना ही अपने लादे सामानों को। सामान में वह दो बोरी बरबट्टी लादे बेचने के लिए बाजार लेकर जा रहा था । उसी समय शौर्य वापस हो रहा था कॉलेज से । वह कॉलेज में सहायक प्राध्यापक है ।...
Falsafa | फलसफा
शौर्य, संजीव व मानस तीनों ग्रैंड माल के सामने एक ठेला में भेल पुरी व झालमुड़ी खा रहे थे । खाते हुए वे तीनों ठहाका लगा रहे थे। तीनों आज मस्त थे, बड़े दिनों बाद एक साथ शाम को मिले हैं, ठंड का महीना है, गुलाबी ठंड सबके मन को गुलाब की तरह खूबसूरत एवं […]...
9 May 2014 | ९ मई २०१४
चुभती धूप बिलखती जिंदगी, रेल के डिब्बों के खेल में कोई कमी नहीं, भागम-भाग है, सबको जल्दी जाने की हड़बड़ी है। मैंने ट्रेन के दो टिकट लिये, प्रताप भी साथ में है, डी- 6 की बोगी थी, जनशताब्दी ट्रेन, सुबह छह बजकर पच्चीस मिनट में ट्रेन की सीटी बजी हम पहले से बैठे थे। कुछ दूरी चलने के बाद थर्ड जेंडर की तालियां कानों में सुनाई देने लगी। कुछ लोगों के दिल की धड़कनें बढ़ गई वह हिल उठे, कुछ लोगों की होठों में अनायास मुस्कान आ गई मैंने देखा कुछ लोगों ने तो अपनी आंखें भी बंद कर दी उन...
Tumse baat kyon karta hun? | तुमसे बात क्यूँ करता हूँ?
तुमसे बातें क्यों करता हूँ? तुम मुझे ये पूछती हो, जब से तम्हें देखा है तब से तो दिल में एक तूफान सा चलने लगता है। इस तूफान को दिशा देने के लिए तुमसे बातें करता हूँ। यह तूफान तुम्हारे बिना मैं सम्भाल नही सकता। इसीलिए तुमसे बात करता हूं।...
Aadi ka sapna | आदी का सपना
आदि कक्षा 5 वी मैं पढ़ता है, वह बहुत ही शरारती और खुशमिजाज बच्चा है। परंतु पढ़ने में वह मनमौजी और कम ध्यान देने वाला विद्यार्थी है इसी कारण उसे रोज घर एवं विद्यालय में डांट खानी पड़ती है। रोज की भांति आदि आज भी सुबह देर तक सोते हुए आराम से उठा। यह उसकी आदत है जिसके लिए उसे रोज घर में बातें सुनना पड़ता है। आदि को आज कुछ ज्यादा ही उसके पिताजी एवं मम्मी ने सुना दिया। खिन्नता मन से वह आज स्कूल आया स्कूल में भी आज वह उखड़ा उखड़ा सा था इस पर भी उसे बहुत डांट खानी पड़ी। आज �...
Ganesha to shree Ganesha | गणेश से श्री गणेश
गणेश एवं कार्तिकेय में जब पूरी दुनिया घूम के पहले आने के लिए उनके माता-पिता ने परीक्षा ली और कहां परिणाम में जो पहले घूम के आएगा वह इस संसार का अग्र पूज्य अधिकारी होगा। किसी भी कार्य एवं पूजा को पहले उसकी वंदना से ही संसार में प्रारंभ होगा यह बात कही। कार्तिकेय उक्त शर्त एवं बातें सुनने के बाद तुरंत अपने वाहन मोर पर बैठ पूरी दुनिया की सैर में निकल गए। वही गणेश जी का वाहन है मुशक। गणेश जी मूषक पर बैठने वाले थे कि उसने कहा प्रभु! तभी गणेश जी सोच में पड़ गए कि मैं अप...