Latest Poems
Naav / नाव
sanjay sathi
June 18, 2024
जिंदगी को कसता हुँ जब भी मुठ्ठी में रेत सा फिसलती है हौलें से पकड़े जो रखु तो वो हरदम सह...
Prajaa
sanjay sathi
April 13, 2024
विचारों की दरिया बहा अंदर तूफानों को उठा बनके समंदर कूव्यवस्था बदल बनके बवंडर सुहा�...
Jism ke paar / जिस्म के पार
sanjay sathi
March 19, 2024
हमेशा जिस्म के पार तुमको वहां छूना चाहा जहाँ तुम, तुम न थी मैं, मैं न था और हममें कोई और न थ...
Jivan ka rag
sanjay sathi
March 17, 2024
सूखी लकड़ी चुन रहा दो वक्त का चूल्हा जलाने कोई देख उसके हालात यूं प्रकृति भी सिसक &...
Mool / मूल
sanjay sathi
December 10, 2023
जो आदि शक्ति का मूल है जीवन भी उसका फूल है पूर्णता का वह देती निमंत्रण गिरता उठता जिसस�...
Khudko khojna / खुदको खोजना
sanjay sathi
November 9, 2023
खुदको खोजना सबसे बड़ी है योजना क्या सुख, क्या वेदना ठहर के सोचना । खुद से अनजान को न मि�...
Prashno ka teer / प्रश्नों का तीर
sanjay sathi
October 28, 2023
प्रश्नों के बाण मार – मार अपने मन को दे झंकार खोज जगत – जीवन का सार किस बात का कर�...
Suchna / सूचना
sanjay sathi
October 15, 2023
सच की सीढ़ी चढ़ने में लग गए कई पीढ़ी सूचना- सूचना हर तरफ सूचना कहते हैं सूचना का है यु...
Kya Insaan / क्या इंसान
sanjay sathi
October 8, 2023
हर तरफ लोग यह सबसे बड़ा रोग सभी वनस्पति- प्राणी हलाखान, परेशान इतना नहीं आसान इस रोग क...
Khoj / ख़ोज
sanjay sathi
October 5, 2023
मन को बनाओ न कारागार चल उठ चल, चल उठ चल कर कर्म से सबको साकार अपने सपनों को दो आकर ...
Rango ki baten / rangon ki baten
sanjay sathi
October 1, 2023
सबरंग हमारे अपने हैं रंगों की है अपनी बातें जीना हमको हैं सिखलाते भेदभाव...
Apni – apni rah / अपनी – अपनी राह
sanjay sathi
September 28, 2023
कल यहीं पांव चलेंगे भविष्य का मार्ग गढ़ेंगे………… आज ये जो कलियां हैं कल यही फ�...
Rah – E – Dahar / राह ए – ए- दहर
sanjay sathi
September 26, 2023
देख रहा हूं या हमें कोई दिखा रहा है खुद से समझा या कोई समझा रहा है सुन रहा खुदको या कोई...
Tairak / तैराक
sanjay sathi
September 19, 2023
संग थे, उमंग थे वर्षों के जंग थे हास -उपहास के दृग अविश्वास के…….. नए – नए राह थे स�...
Irada / इरादा
sanjay sathi
September 9, 2023
कुछ भी हो चल मौसम बदलते रहेंगे लोग छलते रहेंगे इरादे मत बदल उतार- चढ़ाव होंगे जोड़- घट�...
Rat ki baat / रात की बात
sanjay sathi
August 24, 2023
ये रात भी कितनी राजदार है सबकुछ अपने में छुपा लेता है जो सूरज छिपा देता है अकेले उसको...
Priksha / परीक्षा
sanjay sathi
August 23, 2023
मन में जो भी आया सब लिख डाला वक़्त जब भी मिला खुदको खंगाला यादों के लू चले, कभी वर्षा की झ...
Kai sawal / कई सवाल
sanjay sathi
August 18, 2023
सूरज को उगते डूबते देखता लाल मेरे मन में भी उठते हैं कई सवाल ? यह उगता – डूबता कैस�...
Bavandar | बवंडर
sanjay sathi
August 13, 2023
मन में जो भी आया सब लिख डाला वक़्त जब भी मिला खुदको खंगाला यादों के लू चले, कभी वर्षा की झड�...
Yayavar | यायावर
sanjay sathi
August 11, 2023
राही हैं हम राह अनेक सीखा समझा जाना देख यायावर हैं यात्रा है अनंत एक होता है सबका अंत ...
Darkht | दरख़्त
sanjay sathi
August 10, 2023
दरख़्तों से कह दो की पत्तियों ने बगावत कर दी है हवा जरूर जानता होगा उनके कान किसने भर दी ह...
Utaar chadhav | उतार चढ़ाव
sanjay sathi
August 9, 2023
उतार – चढ़ाव उतार यही है जीवन की धार संभावनाएं हैं कई अपार तू बैठ ना थक हार बना अपना जना�...
Aukat | औकात
sanjay sathi
December 27, 2022
अदृश्य आदतों के जंजीरों पर जन्मा विकसित हो रहा खड़ा रिश्तो के बुनियाद में सब कुछ भाव स...
Aao Bujhaa dein | आओ बुझा दें
sanjay sathi
December 25, 2022
दुनियाँ को आती है मजा वार में हमको आता है मजा तेरे प्यार में ….. लोग जल रहें हैं यहाँ न...
Kaal Kothri | काल कोठरी
sanjay sathi
December 3, 2022
अपनी कोठरी से निकल देख समझ संसार सकल पुष्पित, फलित तेरे प्राण पास ना होगा कोई त्राण …...
Thunth ki tarah
sanjay sathi
June 9, 2022
ठूंठ की तरह खड़े रहे जिद में क्यों अड़े रहे ? वक्त बदला मौसम बदला उनमे�...
Ak Bund
sanjay sathi
June 5, 2022
समंदर की अनंत जल राशि महासागर का एक बुन्द भावनाओं के समंदर में सबके इच...
Meri Duniya
sanjay sathi
May 24, 2022
मेरी दुनिया मेरे ही आसपास बिखरी पड़ी है ढूंढ रहा हूं सबको जोड़ने वाली कहां कड़ी...
Pachpan – Bachpan
sanjay sathi
May 21, 2022
मेरा उमर है पचपन याद आता है बचपन याद है वह मस्ती की टोलियां खा रहा अब बी.प�...
Aapdayen
sanjay sathi
April 27, 2022
मानवता का करुण क्रंदन हर तरफ हो रहा चित्कार प्राकृतिक आपदाओं से आज कांप उ�...
Aarzu
sanjay sathi
April 14, 2022
तू बन जाए मैं मैं बन जाऊं तू दिल में ना रहे कोई आरजू …… ये हवा कह रही है...
Bharosa
sanjay sathi
April 11, 2022
भरोसा बिकता है क्या यहां किसी भी बाजार में ? कीमत क्या है लगाते ? इसकी इस संसार में�...
Yaaden
sanjay sathi
April 9, 2022
याद आती है याद जाती है कभी हंसाती है कभी रुलाती है याद आती है ………. तन्हाईयों मे...
Mera School | मेरा स्कूल
sanjay sathi
March 14, 2022
वो मेरा स्कूल वो स्कूल की आवाजें कानों में गूँजती है मन कुछ ढूढ़ती है । याद आते हैं वो सा�...
Mitti meri maa hai | मिट्टी मेरी मां है
sanjay sathi
March 12, 2022
मिट्टी मेरी मां है इसकी सोंधी-सोंधी खुशबू बचपन में ममता से खाया इसकी आंचल में सोया घरोंद...
Dekh Basant Aage | देख बसंत आगये
sanjay sathi
March 9, 2022
देख संगी बसंत आगे संरसों के फूल पीयूरागे अमराईया म देख संगी आमा ह सुघ्घर मौरागे सबो ...
Tazurbaa | तज़ुर्बा
sanjay sathi
March 8, 2022
उसे यूँही नही कहते है उम्रदराज उसके पास हैं बहुत सारे राज पूछोगे जाकर तभी तो बताएग�...
Shamil hui
sanjay sathi
February 3, 2022
तेरी दुनिया में मैं इस तरह से शामिल हुई एक टूटी कश्ती फिर से चलने के काबिल हुई त�...
Beta | बेटा
sanjay sathi
January 31, 2022
बेटा मैंने तुझमे खुदको इस तरह समेटा तू जब आया जग में खुदको नया पाया । देखा पहली बार तूझे त...
Tana Bana | ताना बाना
sanjay sathi
January 13, 2022
नए नए मानकों के लक्ष्य गढ़ते गए आगे बढ़ते और बिछड़ते गए पता ही नहीं चला कब से अकेला खड़ा...
Aam aadmi hun | आम आदमी हूँ
sanjay sathi
January 11, 2022
आम आदमी हूं सब आदमी को आम समझता हूं मेरे लिए कोई नहीं खास सब पर करता विश्वास एक दौर था …...
Kisan ki duvidha | किसान की दुविधा
sanjay sathi
January 8, 2022
किसान अतका कमाथौ कहाँ जाथौ कई बच्छर होगे तभू ले भी अपन आपला इहींच पाथौ माटी म हर पइंत जान ...
Udtaa Patang | उड़ता पतंग
sanjay sathi
December 11, 2021
पतंग सा उड़ता मन आसमान में लहराए ढील देकर जो खींचे ऊँचाइयों में उड़ जाए । केवल ढील जो म�...
Samjhaa nahi kyon | समझा नहीं क्यू
sanjay sathi
December 6, 2021
समझा नहीं क्यों किसी ने हमको ? या समझा नही है हमने उनको ? सोचके ये दिल में दर्द होता है ऐस...
Sonch raha hun | सोच रहा हु
sanjay sathi
December 5, 2021
सोंच रहा हूं मैं कुछ खोज रहा हूं मैं सब देख रहा हूं मैं समझ रहा हूं मैं सोंच रहा……. सूर�...
Intzaar kiska karta | इंतज़ार किसका करता
sanjay sathi
December 4, 2021
कुछ मन कह रहा है घाव बड़ा ही गहरा है शांत, क्लांत, एकांत में उमीदों का ही सेहरा है…… &nbs...
Baaton se baaten | बातों से बातें
sanjay sathi
November 28, 2021
बातों से बातें हैं बनती बात बढ़ाने से बात बिगड जाती बातें तो बातें हैं आखिर बातों से है...
Farebi | फ़रेबी
sanjay sathi
November 25, 2021
हम जानते हैं तुम फरेबी हो तेरी फरेब में भी शुकुन मिला है खुदा सबमें यकीन है जो शिकवा हो �...
Shahar walon kabhi aao gaon | शहर वाले कभी आओ गांव
sanjay sathi
November 23, 2021
शहर वालों कभी आओ गांव रात बिताओ देखो धूप- छांव जीवन जड़ जमीन से जुड़ी मुर्गे की बांक ...
Aasut | आसुत
sanjay sathi
November 18, 2021
खुद से प्रश्न करता खुद ही उत्तर ढूढ़ता कभी मन कचोटता खुदको तोलता मोलता जीवन को झकझोर दे...
Nai jivanshaili | नयी जीवनशैली
sanjay sathi
November 13, 2021
छद्म आधुनिकता की होड़ सब जगह होता तोड़फोड़ क्षीण होता मानवीय मूल्य जीवन हो रहा वस्तु तुल...
Umra ka Takazaa | उम्र का तकाज़ा
sanjay sathi
November 8, 2021
आदमी जब उम्र के ढलान पर होता है उसका अनुभव उसके जुबान पर होता है। बहुत कुछ देखा है ह�...
Mushkilon se mukhatib | मुश्किलों से मुख़ातिब
sanjay sathi
November 7, 2021
मंजिल की राहों पर मुसीबतें आती ही हैं हमको सब बताने… हम क्या है आजमाने । हर कोई �...
Deepak | दीपक
sanjay sathi
November 5, 2021
जल रहा हूं दीपक की भाँति जानता हूं एक दिन बुझ जाऊंगा । अंधेरा तू कितना भी घना होजा ते�...
Zindagi ka bhanwar | जिंदगी का भंवर
sanjay sathi
November 2, 2021
देखा है मौत को भी हांफ्ते- हांफ्ते जिंदगी को देखा है कांपते- कांपते आंसू ऐसे ही बहाए नही...
Jindagi ki daud
sanjay sathi
November 1, 2021
आगे आके सोचता हूँ कहां हूं सब जगह लगता तन्हां तन्हां दिल की सुनु की दिमाग की अजीब कशमक�...
Shool | शूल
sanjay sathi
October 24, 2021
जोन ह मां ए अहू मां खोजत हे मां इसने हे । धान के बाली खीलखिलाक़े हांसे मनला फांसे । कज�...
Sirmaur ka Samay | सिरमौर का समय
sanjay sathi
October 23, 2021
चल रहा हो जब दहशत का दौर हो धीर वीर करना सब कुछ गौर वक्त है सुनहरा होने का सिरमौर बदलो अप�...
Avasaron ka Aasmaan
sanjay sathi
October 21, 2021
उठ काम करने खड़े होजा छोटे छोटे से तू बड़े होजा । देख सूरज रोज कैसे उगता है सब जीवों में �...
Jable Aaish Baadar kariya | जबले आइस बादर करिया
sanjay sathi
October 18, 2021
जबले आइस बादर करिया किसान के मन होंगे हरिया मेचका मन ह टर्राये लागिन लबालब भरे देखके तर�...
Jivan – Maran | जीवन मरण
sanjay sathi
October 15, 2021
आ मृत्यु तुझे जीवन दिखाता हूं मारेगा कौन किसे यह बताता हूं । करले चाहे तू जितना अट�...
Jivan Ras | जीवन रस
sanjay sathi
October 14, 2021
अदृश्य है वह सारा दृश्य उसका खुदके गहराईयों में वह मिलता । एक जागता है तो दूसरा सोता ...
Teri hansi ek dawa hai | तेरी हंसी एक दवा है
sanjay sathi
October 8, 2021
तेरी हंसी एक दवा है कहने लगी ये हवा है जाने ना तूने मुझे कैसे और कितना छुआ है ? कैसे कहू...
Rang gaye Rangon me | रंग गए रंगों में
sanjay sathi
October 7, 2021
पानी था मैं ना कोई था रंग लोगों ने क्या-क्या रंग डाला रंग गए रंगों में ऐसे खुदका रंग भुल�...
Chamakte dikhe hain | चमकते दिखे हैं
sanjay sathi
October 6, 2021
रात के पन्नों पर पुरानी यादों के कुछ भविष्य के सपनों को पाने के रूठों को मनाने के प्रे...
Maut se Samna | मौत से सामना
sanjay sathi
October 5, 2021
मरने की चाह रखता हूँ साथी कुछ कर गुजरने की कामना विचलित तनिक भी न होउंगा मौत से होगा जब �...
Banege Samandar | बनेंगे समुन्दर
sanjay sathi
October 5, 2021
बनेगें हम ऐसा समंदर सब नदियां आएंगी अंदर । माना जीवन खारा होगा पर संसार हमारा हो�...
Musaafir hun | मुसाफ़िर हूँ
sanjay sathi
October 4, 2021
मुसाफ़िर हूं यारों फिरता जग सारा चला अकेला कहीं साथ काफिला दिशाओं का मारा बनके आ�...
Bhavnayen | भावनायें
sanjay sathi
September 30, 2021
भावों से शब्दों का सृजन है शब्दों से है भावों की बौछर भावों से मन सिंचित होता अनुभूतिय...
Banke Dariya | बनके दरिया
sanjay sathi
September 24, 2021
बनके दरिया हुं बहने लगा जिधर तू चली उधर बह चला तू जो मुड़ी मैं झील सा ठहरा सहसा चल पड़ी �...
Viyaktitv ka hai astitv | व्यक्तित्व का है अस्तित्व
sanjay sathi
September 21, 2021
व्यक्तित्व का है अस्तित्व इतिहास गवाह है इसका कितने आये कितने गए किरदार अभ�...
Kalpanaon me hakiqat | कल्पनाओं में हक़ीक़त
sanjay sathi
September 19, 2021
कल्पनाओं में आ हकीकत को मिलके हम दोनों ढूंढें खो जाएं सपनों की दुनिया में ये सारा ...
Karm h mera pran | कर्म है मेरा प्रण
sanjay sathi
September 19, 2021
युद्ध हो असत्य से हर बार लड़ूंगा अपने हो विपक्ष में भी मैं न हटूंगा । जीवन है प्�...
Apna kartab | अपना करतब
sanjay sathi
September 18, 2021
पहाड़ों की तलहटी के पास मैदानों के कहीं ऊंचे टीले दूर तलक फैली चौड़ी घा�...
Yakhya prashn | यक्ष प्रश्न
sanjay sathi
September 11, 2021
पांच साल की परीक्षा में हर चेहरे पर है नकाब कौन रंक? कौन नवाब ? हर तरफ है स�...
Bolta hun | बोलता हूँ
sanjay sathi
September 10, 2021
लोग कहते हैं मैं ज्यादा बोलता हूं उन्हें मालूम है मैं उनको खोलता हूं । कड़वाह�...
Pankh mere | पंख मेरे
sanjay sathi
September 7, 2021
पंख मेरे होते तो मैं उड़ जाती उड़ – उड़ के मीठे फल खाती । नीले नभ से नीचे देख नजार�...
Baadal | बादल
sanjay sathi
September 6, 2021
कुहासे बादल नदी भी चंचल पवन का जोर मन से विभोर । काले बनके डराते बिजली से चमकाते गड़...
Dhuaan jahan bhee uthe | धुआं जहां भी उठे
sanjay sathi
September 5, 2021
पैकरों के पीछे पैकारों की कई कहानियां हैं कहीं दफन कहीं लिखी तो कहीं जुबानिया...
Gumshuda hain vo | गुमशुदा हैं वो
sanjay sathi
September 4, 2021
हंसना था जब हंसे नही जो बेवजह आज उनको हंसते पाया छुपा रखे थे जो खुदको चेहर...
Ammooman vo log | अमूमन वो लोग
sanjay sathi
September 2, 2021
इसी तरह मिलते हैं अमूमन वह लोग जो तानों में ही अक्सर बातें करते हैं । बहुत ही�...
Safar abhi baaki hai | सफ़र अभी बाकी है
sanjay sathi
August 27, 2021
ज़रा धीरे धीरे चल सफर अभी है बाकी पैमाना भरके छलका दे गम ऐ साकी । सपनों और मंज�...
Andhere me jaaunga | अंधेरे में जलाऊंगा
sanjay sathi
August 21, 2021
अंदर धंस रहा हूं ….. खुद को बाहर कैसे मैं निकालूं ? मुझसे दूर क्यों हो खड़ी ? &nb...
Bharose ka aashiyana jalta h / भरोसे का आशियाना जलता है
sanjay sathi
August 20, 2021
अपने ही अपनों पर जब आफत बन जाए लगता है जीवन में और क्या पाएं ? भरोसे का आशियाना त...
Har umra ki duniya | हर उम्र की दुनियां
sanjay sathi
August 16, 2021
हर उम्र की दुनियां अलग होती है कभी बड़ी तो कभी छोटी होती है । छोटी – छोटी खुश...
Jhul gaye kuch lekar armaan | झूल गए कुछ लेकर अरमाँ
sanjay sathi
August 15, 2021
झूले गए कुछ लेकर अरमां तेरे बेटे भारत मां आई जब फांसी की घड़ी थी होठों पर थे उनके �...
Aajmana | आजमाना
sanjay sathi
August 14, 2021
जिंदगी तू मुझे आजमाता है मैं भी तुझको आजमाता हूं तेरे आजमाए वक्त याद हैं  ...
Log kahte hain humne ghar banaya | लोग कहते हैं हमने घर बनाया
sanjay sathi
July 23, 2021
बड़े प्यार से ईंट – पत्थरों को सजाया घर दिखाने को हमें है सबने बुलाया । कैसे-कैसे ह...
Naye sire se | नए सिरे से
sanjay sathi
July 23, 2021
मैं जीना सीख रहा हूँ सामने हैं मेरे कई प्रश्न नए सिरे से फिर उतर सोचके मैं ल�...
Khudka kabristan | खुदका कब्रिस्तान
sanjay sathi
July 15, 2021
अकड़ के चलता है आज हर पीने वाला खुद को अर्थव्यवस्था का बता भागीदार समझता है स्वयं को ...
Andhi daud | अंधी दौड़
sanjay sathi
July 11, 2021
बहुत पड़ी पुस्तक पोथी क्या हुआ स्वार्थी ? ढ़ोंग सब बंद कर देख ले इत्मीनान से एक नजर स्�...
Parivartan | परिवर्तन
sanjay sathi
July 10, 2021
हमने वक्त को बदला वक्त ने हमको बदला चला अदला बदली का खेल कभी पास तो कभी फेल । आईना �...
Guruvar | गुरुवर
sanjay sathi
July 8, 2021
जलाई ज्ञान की ज्योति बहाई प्रेम की गंगा बनाया हमको उन्होंने है हीरा और मोती । हैं वो �...
Hansta hun Tanhai me
sanjay sathi
July 7, 2021
हमेशा ऊंचाइयों में उड़ने का हौसला रखा कुछ भी हो दुनियां वाले अक्सर मुझे मेरी हैस...
Madari aur Manav | मदारी और मानव
sanjay sathi
July 6, 2021
करती प्रकृति खुद को संतुलन स्वच्छ होती वायु ,नीलगगन हरित समृद्ध धारा नीली नदियां नीला स�...
Kuchh prashn | कुछ प्रश्न
sanjay sathi
July 5, 2021
मासूम निगाहें देखती अपलक लिखने पढ़ने की है उनमें ललक निगाहों से वे कुछ प्रश्न पूछ...
Savaal Antas Sambhaal | सवाल अंतस संभाल
sanjay sathi
July 4, 2021
खुद को खोज तू हर रोज कमतर न आंक ये समझ कल क्या था?आज क्या है? यह सवाल अंतस संभाल...
He Param Parmatma | हे परम परमात्मा
sanjay sathi
July 4, 2021
हे परम तत्व हे परमात्मा हे परम तत्व हे परमात्मा तुमही आत्मा सब में जीवन ह�...
Dhuaan Bankar rah gaye
sanjay sathi
July 3, 2021
जलके रोशन हो न पाये धुँआ ही बनकर रह गए जलाया हमें क्यों ? इस कदर औरों के भी दम घु...
Nind kahan aati h
sanjay sathi
July 3, 2021
नींद कहां आती है आंखों से आंसू बहते हैं दुनिया वाले समझते हैं वह चैन से सोते हैं  ...
Himalay ki unchaiyon se puchho | हिमालय की ऊंचाइयों से पूछो
sanjay sathi
July 1, 2021
हिमालय की ऊंचाइयों से पूछो गहराइयों में है कौन ? गहराइयों में उतर के देखो ऊंचाइयों क्यों...
Jalke Roshan | जलके रोशन
sanjay sathi
June 29, 2021
जलके रोशन हो न पाये धुँआ ही बनकर रह गए जलाया हमें क्यों ? इस कदर औरों के भी दम घुट गए �...
Sandali dhoop | संदली धूप
sanjay sathi
June 29, 2021
सुबह- सुबह की संदली धूप जब पड़ती है खिल उठता है तन, मन हर्षित हो जाता जीवन फूल की तरह … निख�...
Main Jinda hun
sanjay sathi
June 23, 2021
लोग कुछ भी कहें पर मैं जिंदा हूँ जो कुछ भी किया है मैंने अब तक उस पर हरगिज़ ना ...
Hone do Nirmal
sanjay sathi
June 20, 2021
मन को होने दो निर्मल बहने दो अश्कों को अविरल अपना पराया भेद भुला दो सबको अपन...
Aaj ka Rasta
sanjay sathi
June 19, 2021
जिसपे चले आज रस्ता कुछ ऐसा था मौसम सुहाना पर हाल बड़ा खस्ता था । राह में निशान थे �...
Jo hai vahi kahunga
sanjay sathi
June 16, 2021
चुप नही रहूंगा हर बार कहूंगा एक बूंद हूं …. कतरा बनके… रगो में बहूंगा च�...
Yaadein | यादें
sanjay sathi
June 15, 2021
याद आती है हमको वह पल जब थे दीवाना कंवल का खिलना वो भंवरों का गुनगुनाना याद आती है… &nbs...
Tu kahan gaya | तू कहाँ गया
sanjay sathi
June 14, 2021
सब कुछ शुन्य हो रहा मेरा दोस्त न जाने कहां जा रहा ? इस दुनिया को छोड़ के सारे �...
Jindagi ki patang | ज़िन्दगी की पतंग
sanjay sathi
June 14, 2021
खामोशी तेरी कुछ कह रही है सदा तू क्यों है खफा ? पास आ पास आ जाने है तू कहां ? जाने है तू कहा...
Paas to aa | पास तो आ
sanjay sathi
June 10, 2021
पास तो आ … कुछ गुफ्तगू कर मौत से यू ना डर वक्त मौत के पाले में है यह खेल बहुत पुराना है ...
Ishq | इश्क़
sanjay sathi
June 7, 2021
इश्क जब होता है इंसान आईने के सामने खड़ा होता है अदाएं उसमें ऐसी आती हैं, वह लाखों में ज�...
Kasak | कसक
sanjay sathi
June 6, 2021
तेरी बातों से पता चलता है निगाहों से पता चलता है आज भी तुमको कुछ खलता है । तेरी बातों से�...
Khudki khoj | खुद की ख़ोज
sanjay sathi
June 5, 2021
कभी खुद की गहराइयों में उतरे डर ने कभी उतरने ही नहीं दिया अंधेरों में परछाइयां नाचने ल�...
Banke meri sahas | बनके मेरी साहस
sanjay sathi
June 4, 2021
तू बनके मेरी साहस रग में बहती है धड़कनों से तूने यह क्या कह दिया ? बस में मेरा ये न रह...
Zindagi k panne | ज़िन्दगी के पन्ने
sanjay sathi
June 2, 2021
जिंदगी के किताब के पन्नों में रात और दिन एक -एक पेज इनके हैं अपने – अपने इमेज ए�...
Nav Aakaar | नव आकार
sanjay sathi
May 30, 2021
तपे आग में नित हाव-हाव रंग लाल हो बनता स्वभाव रक्त तप्त लोहे पर बार-बार जब प्रहार कर�...
Raat ke panno me | रात के पन्नो मे
sanjay sathi
May 28, 2021
रात के पन्नों पर …. पुरानी यादों के कुछ तो कुछ भविष्य के …. सपनों को पाने के रू�...
Varsha | वर्षा
sanjay sathi
May 27, 2021
प्यासी धरती प्यासा वन पिघल उठा बादल का मन टिप टिप पानी की बूंदे हरी-भरी धरती को चूमे । 1 &nb...
Aarzoo | आरज़ू
sanjay sathi
May 26, 2021
तू बन जाए मैं मैं बन जाऊं तू दिल में ना रहे कोई आरजू … ये हवा कह रही है ये घटा कह रही फिज�...
Nishabd hun | निःशब्द हूँ
sanjay sathi
May 25, 2021
नि:शब्द हूं स्तब्ध हूं समझाने वाला मौन हो गया कैसे कहूँ ….? मेरा क्या -क्या ..…? खो गया ….. स्...
Vicharon ka sansaar | विचारों का संसार
sanjay sathi
May 23, 2021
बादल उमड़ – घुमड़ रहे बिजली भी चमक रही सहमा सहमा सा सब सहसा हुई घोर गर्जना अंतस आसुओं से...
Talash | तलाश
sanjay sathi
May 21, 2021
क्षितिज में क्षितरे सूरज की लालिमा दिशाएं बदलके कुछ कह रहा है तरुण था सूरज जो वृद्ध होने...
Karzdar hun main | कर्ज़दार हूँ मैं
sanjay sathi
May 19, 2021
कर्जदार हूं मैं सबका जिन्होंने समझा उनका जिन्होंने नहीं समझा उनका नहीं समझने वालों क...
Shankhnaad | शंखनाद
sanjay sathi
May 17, 2021
अग्नि सा प्रचंड तेज वायु सा प्रबल वेग धर धरा का धैर्य तू सूर्य सा प्रखर प्रखर स्वर्ण स...
Aanand | आनंद
sanjay sathi
May 14, 2021
मृत्यु का भय आनंद की है बाधा जीवन को जिसने प्रेम से साधा आधा दिन है जीवन रात आधा न है विस�...
Maa | माँ
sanjay sathi
May 9, 2021
माँ मां है एक संसार जीवन का है आधार रिश्तो की खान है मां जहां जान है माँ । सर्दी म�...
Purusharth | पुरुषार्थ
sanjay sathi
May 8, 2021
अंधियारी रात है स्तब्ध मन आकुल -व्याकुल पसीने से लतफथ कई विचारों ने घेर डाला चांद क्यों ...
Sawaal jawaab | सवाल ज़वाब
sanjay sathi
May 6, 2021
हर तरफ लाशों ही लाशों का मंज़र है कौन है ? वार करता सीने में खंज़र है । सारा मुल्क ढूं...
Samajh na paye | समझ न पाए
sanjay sathi
May 5, 2021
समझ ना पाए हम जिंदगी को क्या हकीकत है ? क्या फसाना ? लाखों हैं यहां फिर भी सब तन्हा &nb...
Kanha gaye tum ?
sanjay sathi
May 4, 2021
कहना चाहता था तू मुझसे कुछ जाने क्यों ? कह ना पाया खोलना चाहता था कुछ राज दिल के ज�...
Pankhudiyaan | पंखुड़ियां
sanjay sathi
May 1, 2021
यूं तो पंखुड़ियां सुखी हैं पर भाव अभी भी है हरे इस आपाधापी जीवन में मिलते कई जख्म रोज ह�...
Sanket
sanjay sathi
April 30, 2021
नदियां क्यों सुख रहे ? आसमान धरती काला पशु- पक्षी विलुप्त हो रहे छिनता सबका निवाला । ता...
Samay | समय
sanjay sathi
April 29, 2021
समय मुठ्ठी में जैसे रेत सूरज चाँद की बातें सुबह – शाम की छोर कौन रहता किस ओर ? कई सप�...
Nigahen | निगाहें
sanjay sathi
April 28, 2021
आपकी नज़रों को जब हमने देखा उसमें एक छलकता समंदर नजर आया डुबकी लगाई हमने उसमें पर हमको न �...
Chhoti Chhoti si khushiyan | छोटी-छोटी सी खुशियां
sanjay sathi
April 28, 2021
छोटी-छोटी सी खुशियां थी छोटी सी अटखेली, याद आती है वो बचपन जो इन गलियों में खेली...
Fakira ki Fakiri | फकीरा की फकीरी
sanjay sathi
April 26, 2021
सब में कोई तो है जो सब को समझता है सदियों से देखता आ रहा मुस्कुराता रहा । कल जो बदनाम थ�...
Baaten karte rahna
sanjay sathi
April 25, 2021
A चाहे हो कितने भी झगड़े बातें करते रहना लेना जिम्मेदारी कंधों पर आगे बढ़ते रहना बात�...
Niyaay kahin hamko mil jaay
sanjay sathi
April 24, 2021
कितने चक्कर हमने लगाए न्याय कहीं हमको मिल जाए बहस बहुत अब चलने लगी है सोच कर मेरा ...
Jivan – Mrityu
sanjay sathi
April 23, 2021
उदयाचल से अस्ताचल तक चलते जाना है जीवन मृत्यु है एक नींद गहरी भोर का पल भी आना है...
Dusra lahar Kovid-19
sanjay sathi
April 22, 2021
कोविड का लहर फिर ढाया कहर आया अब नए नए स्ट्रेन में नए- नए सिम्टम्स फेल कर रहा सिस्टम फिर श�...
Lakshya
sanjay sathi
April 22, 2021
अपना तुम करो जतन तुम हो अनमोल रतन जागृत कर अपना मन सफल बना यह जीवन। गुम न ...
Aatmbodh | आत्मबोध
sanjay sathi
April 21, 2021
तू जग को बना दर्पण लगा निज पूर्ण समर्पण सहन कर जग संघात चित में ले कर उदात्त । &n...
Maafi
sanjay sathi
April 20, 2021
माफ़ी घर जाने की इच्छा मन में कुलांचे भरने लगे थे । कंप्यूटर से देखने पर ट्रेन गांव के लिए ...
Aag lgana
sanjay sathi
April 19, 2021
तेरा चिंगारी लगाना मेरा हवा देना धुंआ का उठना दोनों का दम घुटना फिर पता चलना अहमियत ज...
Ek samander (gazal )
sanjay sathi
April 19, 2021
उनकी आँखों को जब हमने देखा उसमें छलकता एक समंदर नजर आया डुबकी लगाई हमने उ�...
Rangmanch | रंगमंच
sanjay sathi
April 18, 2021
रंगमंच के हम किरदार निभाएं रोल असरदार खुद ही समझे खुद को असरदार हो या बेकार । नियति न�...
Kuchh Naya kar | कुछ नया कर
sanjay sathi
April 17, 2021
अभाव में ही बनता स्वभाव जीवन से ना हो अलगाव निज अंतस में जला अलाव आत्मशक्ति को दे फै...
Hamne dekhe the josapne
sanjay sathi
April 16, 2021
हमने देखे थे जो सपने टूट गए सारे वो अपने चली थी एक ऐसी आंधी साथी थे जो छूटे अपने ह�...
Jan gan man | जन गण मन
sanjay sathi
April 15, 2021
जड़ से जल तो ऊपर जाता बाकी का समझ नहीं आता जड़ को जो है मिलना पता नहीं कहां जाता ऊपर �...
Maikhaane me | मयखाने में
sanjay sathi
April 14, 2021
मयखाने में बैठे मय औऱ मीना साथ में पीना बैठने सोचे ……… क्या है जीना ? क्या है मरना ? अब क�...
Jindagi ko seekhna hai
sanjay sathi
April 13, 2021
जिंदगी को है देखना देखके है सब सीखना मुसीबतों से है जूझना कभी नहीं है ट...
Gyan
sanjay sathi
April 13, 2021
ज्ञान घटता नही बढ़ता है जितना बांटों निखरता है असफलता में सफलता दिखे ज्ञानदीप जब जलत�...
Chhotu aur Chand | छोटू और चाँद
sanjay sathi
April 13, 2021
चाँद – चाँद सुनो ना ………. मुझे अंधेरों से डर लगता है पर जब तुमको देखता हूं तो नई तुम रात...
Dil aur Dimag
sanjay sathi
April 11, 2021
दिल और दिमाग का संबंध बहुत गहरा होता है। दिमाग हम सब के शरीर का अभिन्न अंग है जिसके आदे...
Chand nikalta hai | चाँद निकलता है
sanjay sathi
April 10, 2021
चाँद निकलता है चलते – चलते कहता है वक्त ठहरता है कहाँ … ? आहिस्ता – आहिस्ता बदलता ह�...
Nayapan
sanjay sathi
April 8, 2021
नयापन सदा नयापन महसूस करता हूं बिखरता हूं हरदम फिर भी टूट के टुकड़�...
Kanha se kanha pahuchaya
sanjay sathi
April 8, 2021
वक्त ने मुझको कहां से कहां पहुंचाया ? सोचा नहीं था उसने ऐसे आजमाया मेरे समेटने क�...
Teaching life
sanjay sathi
April 7, 2021
जिंदगी का ऐसा मुकाम जहां से कुछ बनना है, कुछ नव निर्माण करना है। मानवता के मंदिर का मैं...
Jindagi kya hai
sanjay sathi
April 7, 2021
जिंदगी क्या है ? एक नदी कुछ रेत दो किनारा एक जलधारा कुछ मोड़ कुछ जोड़ कहीं ठहराव कभी ...
Bikherta chala aaya
sanjay sathi
April 7, 2021
वक्त ने मुझको कहां से कहां पहुंचाया ? सोचा नहीं था उसने ऐसे आजमाया मेरे समेटने क�...
Parjeevi | परजीवी
sanjay sathi
April 6, 2021
जड़ें नही इसकी पर है सब जकड़ा जुगाड़ है इसका बड़ा ही तगड़ा जिसपे जीता उसी का करता शोषण स्...
Nadiyan | नदियां
sanjay sathi
April 3, 2021
उत्तुंग शिखर बीहड़ नीरव होता उद्गम मध्यम- मध्यम आगे बढ़ना सीखा चलना उतरा प्रबल कर कल- कल �...
Ham is Duniya me aaye the
sanjay sathi
April 3, 2021
हम इस दुनियां में आये है फ़कीर नंगा देखके तब हमें जग वाले थे बड़े चंगा । लिबाज़ के सा...
Adhunatan me antarman
sanjay sathi
April 1, 2021
अधुनातन में अंतर्मन अंतर्मन में चल रही है कथा देख के मन होता व्याकुल कहने को बह...
Bheed
sanjay sathi
March 31, 2021
भीड़ भीड़ में कौन किसकी सुनता है भीड़ तो बस भेड़ चाल चलता है । 1 पर हां भेड़ का म�...
Jindagi ko dekhna h
sanjay sathi
March 31, 2021
जिंदगी को है देखना देखके है सब सीखना मुसीबतों से है जूझना कभी नहीं है टूट�...
Suraj jalta hai | सूरज जलता है
sanjay sathi
March 30, 2021
जल रहा सूरज चल रहा सूरज वक्त को वक्त पर बदल रहा सूरज। सूर्य की जलन से खिलखिलाता जीवन ...
Kudrat | कुदरत
sanjay sathi
March 26, 2021
नजर हैरान हो जाती है कुदरत का नजारा देख के जिंदगी आसान हो जाती है फुर्सत से उसक...
Jhul gaye kuch leke Arman | झूल गए कुछ लेके अरमान
sanjay sathi
March 23, 2021
झूले गए कुछ लेकर अरमां तेरे बेटे भारत मां आई जब फांसी की घड़ी थी होठों पर थे उनके ऐसे...
Main khud se anjan tha
sanjay sathi
March 20, 2021
मैं खुद से अनजान था बड़ा हैरान था मेरी जिंदगी में बनके आई तो आईना तुझको देखा मैंने बड़े ग�...
Karke dekho
sanjay sathi
March 15, 2021
करके तो देखो सही क्या रास्ता है ये वही ? बैठे-बैठे ही दूर से सोचना ना है सही ।  ...
Beti | बेटी
sanjay sathi
March 15, 2021
सबसे बड़ा दान है बेटी रिश्तों की शान है बेटी संबंधों का जोड़ है बेटी परिवारों की सम्मान ...
Prakriti aur manav
sanjay sathi
March 15, 2021
मानव बन रहा है कृत्रिम नित नए लगा रहा क्रीम प्रकृति से करता छेड़छाड़ आते सु�...
Nirman | निर्माण
sanjay sathi
March 14, 2021
विध्वंस में निर्माण है निर्माण में विध्वंस कोई तो है, कहीं तो है, कुछ तो है अंश सबकुछ बहाव...
Pet ki chinta
sanjay sathi
March 14, 2021
पेट की चिंता अंतड़ीयों में नहीं है बल ना कपट है ना किसी से छल ……. चिंता आज की है सोचा किस�...
Dhadak uthta h dil
sanjay sathi
March 14, 2021
धड़क उठता है दिल, आज भी ,सुनके उनकी आवाजें महक उठता है, एहसास का गुलशन । भीगी – भीगी या�...
Manzil
sanjay sathi
March 14, 2021
मंजिल देखने वालों की ये नजर है नजरों का ही तो असर है । समझे नहीं थे क्या है जिंदगी ? य...
Mera chhota sa gaon | मेरा छोटा सा गांव
sanjay sathi
March 14, 2021
मेरा छोटा सा गांव वो पीपल की छांव चिड़ियों का बसेरा सुनहरा सवेरा सखियों का मिलना और मुस्...
Ham the mil julke
sanjay sathi
March 12, 2021
हम थे मिल जुलके हम थे मिलजुल के लोगों ने हमें बाँट डाला खींची रेखाएं उन्होंने दिलों को क...
Dekh liya Duniyan
sanjay sathi
March 11, 2021
देख लिया दुनियां देख लिया दुनिया तुझको पता है तेरे हर इम्तिहान परखता रहता है कैसे त�...
Anant yatra
sanjay sathi
March 11, 2021
अनन्त यात्रा निकल पड़ा हूं अनंत यात्रा में आया था जा रहा हूं ढूंढना नहीं मैं कहां ...
Sakshatkar
sanjay sathi
March 11, 2021
साक्षात्कार देख रहे मुझे कई अक्ष ढूंढते मेरा क्या है लक्ष्य रख रहा हूं अप�...
Ugta – dubta suraj | उगता – डूबता सूरज
sanjay sathi
March 11, 2021
उगता – डूबता सूरज सूरज को उगते डूबते देखता लाल मेरे मन में भी उठते हैं कई सवाल यह डूबता -�...
Maazra kuchh aur hota | माज़रा कुछ और होता
sanjay sathi
March 4, 2021
अरे भाई खुदा तो मिलता है खुदाई में फिर क्या रक्खा मज़हब की लड़ाई में। चूल्हे में आग ...
Ka kahat he
sanjay sathi
March 4, 2021
का कहत हे का कहत हे नदी नरवा सुन अउ थोरकुंन गुन पानी हर अतका बोहाथे तभू ले ऐ कहाँ जाथे । ...
Savera | सवेरा
sanjay sathi
March 3, 2021
धवांत का अंत होने को सवेरा चह चहाने लगा चिड़ियों का बसेरा । क्षितिज पर खिंच गई लाल रे�...
Pani ka lota | पानी का लोटा
sanjay sathi
February 24, 2021
पुरखों की संस्कृति हमारी जीवन होती है । वह जीवन की उहापोह की स्थिति में मन की किंकर्तव्य...
Rangon se baaten | रंगों से बातें
sanjay sathi
February 19, 2021
सब रंग हमारे अपने हैं रंगों की है अपनी बातें जीना हमको यह सिखलाते भेदभाव न करना बतलाते स�...
Hey Maa Veenapani | हे मां वीणापाणी
sanjay sathi
February 16, 2021
हे मां वीणापाणी हे मां वीणापाणी शुचि कर दे मेरे अंतस वाणी हे मां वीणापाणी प्रस्फुट...
Apne apne daldal | अपने अपने दलदल
sanjay sathi
February 14, 2021
अपने ही अंदर के दलदल हां अंदर के ही दलदल …… दस रहा है तू पल पल बाहर निकलने की जुगत मक्ख�...
Covid 19 | कोविड 19
sanjay sathi
February 14, 2021
कोविड – 19 मानव छिन्न-भिन्न मानवता पर प्रश्न चिन्ह ? जीवन को मिला नया आयाम बेबसी का आलम...
Kisaan | किसान
sanjay sathi
February 14, 2021
किसान जीवन में मौसम की मार कभी लू के थपेड़े सावन की बौछार लाती हरियाली का त्यौहार । 1  ...
Jindagi kya hai? | जिंदगी क्या है ?
sanjay sathi
February 14, 2021
जिंदगी क्या है ? एक नदी कुछ रेत दो किनारा एक जलधारा कुछ मोड़ कुछ जोड़ कहीं ठहराव कभी बिखरा...
Mitti meri man hai | मिट्टी मेरी मां है
sanjay sathi
February 14, 2021
मिट्टी मेरी मां है इसकी सोंधी-सोंधी खुशबू बचपन में ममता से खाया इसकी आंचल में सोया घरोंद...
Main Paramveer kahlaunga | मैं परमवीर कहलाऊँगा
sanjay sathi
February 13, 2021
मैं परमवीर कहलाऊँगा लाख गोलियां खाकर भी सीने में मैं दहाडुंगा कर मृत्यु का तांडव दुश्�...
Badlon se baat | बादलों से बात
sanjay sathi
February 11, 2021
बादलों से बात बड़ी मुद्दत के बाद आज मैंने बादलों से बात की पूछा मैंने आजकल बहुत कहाँ आ�...
Main majdoor hun | मैं मजदूर हूं
sanjay sathi
February 7, 2021
मैं मजदूर हूं रोटी, कपड़ा ,मकान , इतने नहीं आसान अंधेरी रातों की जुगनू है मेरी मस्ती चकाचौ...