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Viyaktitv ka hai astitv | व्यक्तित्व का है अस्तित्व

 

व्यक्तित्व का है अस्तित्व

 

इतिहास गवाह है इसका

 

कितने आये  कितने गए 

 

किरदार अभी पर जिंदा है ।

 

विचार, कर्म, सपने, व्यवहार

 

वयक्तित्व बनाने के है आधार 

 

जहां का सदा कौन बासिन्दा है?

 

पर किरदार अभी भी जिंदा है । 

 

पल बिता रात – दिन बिता 

 

बित गये जाने कितने युग 

 

विचार है सदा  प्रवाहमान

 

किस बात  का  है  दुःख ? 

 

साथी अपना व्यक्तित्व सहेज 

 

जीने में  न कर  कोई परहेज़ 

 

तेरा स्थूल शरीर न रहेगा सदा

 

पर  होगा तेरा  बनाया इमेज ।

 

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