हद से ज़्यादा पागल हम तो; तेरे खातिर हो गए,
अब ये इश्क़ मज़हब, तू खुदा; बाकी सारे काफ़िर हो गए….
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Literature ShayariSeptember 19, 2022
हद से ज़्यादा पागल हम तो; तेरे खातिर हो गए,
अब ये इश्क़ मज़हब, तू खुदा; बाकी सारे काफ़िर हो गए….
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