उससे अच्छी नहीं मिलती किसी से,
बुरे वक्त में जब नसीहत की बात आती है,
वो मां है; मासूमियत में अपनी उमर लिख देती है,
जब मेरे हिस्से की वसीयत की बात आती है…
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Literature ShayariSeptember 19, 2022
उससे अच्छी नहीं मिलती किसी से,
बुरे वक्त में जब नसीहत की बात आती है,
वो मां है; मासूमियत में अपनी उमर लिख देती है,
जब मेरे हिस्से की वसीयत की बात आती है…
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