*न छोड़ी मैंने तेरे इश्क़ में; कभी कोई कसर ज़रा भी,
पल-पल तेरा इंतज़ार करके भी; न थकी ये नज़र ज़रा भी,
कहते हैं वक़्त सब कुछ बदल देता है पर कमाल है,
की तेरी नफ़रत और मेरी मोहब्बत पे; न हुआ है इसका असर ज़रा भी…
*न छोड़ी मैंने तेरे इश्क़ में; कभी कोई कसर ज़रा भी,
पल-पल तेरा इंतज़ार करके भी; न थकी ये नज़र ज़रा भी,
कहते हैं वक़्त सब कुछ बदल देता है पर कमाल है,
की तेरी नफ़रत और मेरी मोहब्बत पे; न हुआ है इसका असर ज़रा भी…
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