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Shahar walon kabhi aao gaon | शहर वाले कभी आओ गांव

woman in gray long sleeve dress standing on green grass field during daytime

शहर वालों कभी आओ गांव 

रात बिताओ देखो धूप- छांव

 

जीवन जड़  जमीन  से  जुड़ी 

मुर्गे की  बांक पे आंखे  खूली 

 

बाग में कोयल की कुक सुनो 

कभी कव्वे  की कांव – कांव।

 

लहराते देखो गेंहू की बालियां

सुनो  कुदरत  की भी तालियां

 

पकते फसलों  की हंसी देखो

मस्त  हवाओं  का  गीत सूनो 

 

ताल के कमल पे मंडराते भंवरे 

गाना गा शहद कैसे चुराते भँवरे

 

मिट्टी से देखो उगता कैसे जीवन 

मिट्टी में मिलता है कैसे तन -मन 

 

देखो हंसी ठिठोली वाणी बोली 

सब लोग बनते  कैसे हमजोली ?

 

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