Sandali dhoop | संदली धूप

woman in white and red checkered dress shirt

सुबह- सुबह की संदली धूप 

जब पड़ती है

खिल उठता है तन, मन 

हर्षित हो जाता जीवन

फूल की तरह …

निखर जाता है रूप ….

सुबह- सुबह की संदली धूप

सुरभित वायु 

कलकल नदियां 

बहता पानी …..

कहता है जीवन की कहानी….

चह चहाते परिंदे 

उगता सूरज 

खुली आँखों से 

नए- नए सपने दिखाते …

सुबह – सुबह की संदली धूप

भीनी – भीनी खुशबू 

कुछ कह जाते….

रात को कौन है पसीना बहाते 

जो मोती बन जाते  …..

शबनम की बूंदें 

किरणों से जगमगाते…..

पेड़ भी झूमते मुस्कुराते 

कुछ करना ये हमको सिखाते..

सुबह – सुबह की संदली धूप 

Comment

There is no comment on this post. Be the first one.

Leave a comment