सब रंग हमारे अपने हैं
रंगों की है अपनी बातें
जीना हमको यह सिखलाते
भेदभाव न करना बतलाते
सभ्य तो बन गए पर मानव
रंग भेदी हो जाते हो क्यों ?
रंगों को देख मिलकर कैसे
बनते शांति का प्रतीक
बिखर के वर्ण क्रम में यह
दिखाते इंद्रधनुष की छटा
मानव इसमें क्या कुछ घटा
कहीं कुछ क्या कटा- फटा
सभ्य तू जरा सोच ….
समझ कर यह बता
सब रंगों से सीखा क्या ?
रंगों की है क्या बातें
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