रात के पन्नों पर ….
पुरानी यादों के कुछ
तो कुछ भविष्य के ….
सपनों को पाने के
रूठे को मनाने के
प्रेम के दीवानों का
जिंदगी के अफसानो का
देखे हुए कहानियां……
आपबीती जुबानिया
रंगों की बोली व भाषा
विपदाओं में भी आशा
हकीकत व फ़सानों
के बीच के द्वंद्व का
जीत के, त्यौहार के
हार के, इजहार के
कुछ शब्द लिखें
जो चमकने लगे …..
इन झिलमिलाहटों से
सुबह हो गई ……
Comment