Parjeevi | परजीवी

green leafed plants under the blue sky

जड़ें नही इसकी पर है सब जकड़ा 

जुगाड़  है  इसका  बड़ा  ही  तगड़ा 

जिसपे जीता उसी का करता शोषण 

स्वयं नही करता कभी खुदका पोषण 

स्वार्थ चाटुकारिता इसके आभूषण।

 

समाज के हर क्षेत्र पे है मौजूद

दूसरों का सदा छींन लेते वजूद

इनका मिशन है लेना कमीशन

नही होते  कभी  ये  हाईलाइट

सभी जानते हैं ये हैं पैरासाइट ।

 

मुश्किल है इनसे करना फाइट 

फ्यूचर होगा हमारा कैसे ब्राइट

कौन करेगा सिस्टम को टाइट

अमरबेल खेल खेलता आ रहा 

सिस्टम के नस नस में फैल रहा।

 

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