नींद कहां आती है आंखों से आंसू बहते हैं
दुनिया वाले समझते हैं वह चैन से सोते हैं
नींद कहां आती है ……… ।
ढूंढने चला मैं जिंदगी मौत ही मौत मिला मुझको
टकराया जो मौत से मैं, जिंदगी मिली है अब तो
नींद कहां आती है ………. ।
सांसे हैं कम, आंखें है नम, जिंदगी मेरी मुस्कुराई है
मौत से लड़ – लड़ के ये फसल जान से मैंने उगाई है
नींद कहां आती है …….. ।
करवटें बदलते हैं , मन मचलते हैं
अंधेरों के ही साये में उजालों के सपने बुनते हैं
नींद कहां आती है…….. ।
सपनों में खोते हैं पाते हैं, मरते हैं जीते हैं
हर जख्मों को यहां हंसके हम पीते हैं
नींद कहां आती है…… ।
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