आपकी नज़रों को जब हमने देखा
उसमें एक छलकता समंदर नजर आया
डुबकी लगाई हमने उसमें
पर हमको न कोई किनारा नज़र आया ।
मत मुदों इन आंखों को तुम
हम गुम हो जाएंगे
ज़रा निगाहें उठा के इधर तो देखो
हम अपने को पाएंगे ।
आईना बनके आप हमारी
राहें हमको दिखलादो
क्या है हम ?
हमसे बातें करके सिखलादो ।
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