Manzil

woman in black and green striped dress standing on brown sand during sunset

मंजिल

 

देखने वालों की ये नजर है 

नजरों का ही तो असर है ।

 

समझे नहीं थे क्या है जिंदगी ?

यहीं से जीवन का सफर है ।

 

देखने वालों की …….

 

कमल भी खिलता है कीचड़ की दलदल में 

हिमालय भी खड़ा है यहां किसी हलचल में ।

 

मंजिल मिलती है मुश्किल भरी सफर में 

दिखाई देता है वो हर इक-इक ठोकर में ।

 

देखने वालों की 

 

लड़खड़ाता रहा कभी-कभी राहों में मेरे भी पग

गिरा तो हंसा है उठा  तो  इतराता रहा  भी जग ।

 

परवाह न की ठोकरों कि आगे बढ़ता चला

शिकवा नही किसी से ना है किसी से गिला ।

 

देखने वालों की …….

Comment

There is no comment on this post. Be the first one.

Leave a comment