Main khud se anjan tha

मैं खुद से अनजान था 

बड़ा हैरान था 

मेरी जिंदगी में बनके आई तो आईना 

तुझको देखा मैंने बड़े गौर से

गुजरने लगा एक नए दौर से

तुझको देखा मैंने बड़े गौर से

करने लगा हूँ अब सब काम मैं

नए तरीके नए तौर से ।

मैं खुद से अनजान……….

 

तुमने छेडा मुझे ऎसे अंदाज से 

गुनगुनाने लगा मैं एक नए राग से

कह ना पाऊं तुम्हें अल्फ़ाज से 

बातें करनी लगी जो तुम आंख 

मिल गया जिंदगी का नया फलसफा 

कहता दिल कुछ  ऐसा कर जाऊँ में

याद आती रही अबको मेरी वफ़ा ।

 

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