माँ
मां है एक संसार
जीवन का है आधार
रिश्तो की खान है मां
जहां जान है माँ ।
सर्दी में धूप है गर्मी में छांव
जीवन की मझधार में है नाव
संस्कृति संस्कार की संवाहक
परिवारों की फूल और महक ।
मुसीबतों में है अटल
खोले हमारी दृष्टि पटल
कभी अहित ना सोचती मां
सबकी आंसू पोंछती मां ।
बनी अपनी पहली दृष्टि
देख रहे हम आज सृष्टि
मां अर्पण है समर्पण है
जीवन की दर्पण है ।
शक्ति की है अभिव्यक्ति
जीवन की तू है आधार
संघर्ष समन्वय की मूर्ति
तेरे गर्भ में है संसार ।
घर की सदा तू नीव बनी
तू है सबसे ज्यादा गुनी
प्रेम करुणा धैर्य ममता से
तुझसे है संसार धनी ।
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