अपना तुम करो जतन
तुम हो अनमोल रतन
जागृत कर अपना मन
सफल बना यह जीवन।
गुम न हो चकाचौंध में
बड़ी गहराई है मौन में
स्वयं कर चिंतन मनन
मानवता ना हो हनन।
बना स्वयं लक्ष्य कर संधान
लक्ष्य से होता जीवन महान
ना सोच सब विधि का विधान
कर कर्म नित बना पहचान ।
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