किसान
अतका कमाथौ कहाँ जाथौ
कई बच्छर होगे तभू ले भी
अपन आपला इहींच पाथौ
माटी म हर पइंत जान लड़ाथौ
का होंगे संगी तभूले हार जाथौ ।
तइहा ले देखत आथों हे मोर सुरता
कतको कमाव संगी होथे अपन पुरता
हर बच्छर भुइयाँ ला जोत फांद के
हरियर- हरियर ,पियर लुगरा पहिनाथौ ।
आनी बानी के दवाई, राखड़ -खातू लागथे
तभे आजकाल के किरा मन हर भागथे
ये सबके खरचा बोड़ी बर लागा में बोजाथौ
का होंगे कतका मेहनत करे ले भी नी चेड़ पाथों ।
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