Karm h mera pran | कर्म है मेरा प्रण

 

 

युद्ध हो असत्य से हर बार लड़ूंगा

 

अपने हो विपक्ष में भी मैं न हटूंगा ।

 

जीवन है प्रेम गीत सत्य इसका आधार

 

यही अस्त्र- शस्त्र  प्रहार यही है उपहार  ।

 

सामने है भीषण रण कर्म है मेरा प्रण

 

सत्य का अहसास मन  मे है विश्वास ।

 

लक्ष्य पे है अक्ष  हिम्मत हौंसला अडिग

 

भ्रमित करने सामने आते कई मायामृग ।

 

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