आ मृत्यु तुझे जीवन दिखाता हूं
मारेगा कौन किसे यह बताता हूं ।
करले चाहे तू जितना अट्टहास
लिखूंगा आज मैं अमित इतिहास ।
कर्म बाण का करूँगा ऐसा संधान
मृत्यु पर होगा अनोखा अनुसंधान ।
होगा आज निश्च्य ही यह निर्णय
जीवन या मरण किसी की जय ।
पूर्वजों ने मेरे कई उत्सव ऐसे मनाये हैं
कर्मपथ, जीवन राह हमको दिखाये हैं ।
आज मेरे उस पथ में चलने की बारी है
मृत्यु से दो -दो हाँथ करने की तैयारी है ।
Comment