सूखी लकड़ी चुन रहा
दो वक्त का चूल्हा जलाने
कोई
देख उसके हालात यूं
प्रकृति भी सिसक – सिसक के
रोई
दो वक्त का चूल्हा जलाने
सुखी लकड़ी चुन रहा
कोई
ठहरो शांत होकर तो देखो सही
पूछो उसको वह किस तरह से
सोई
चूल्हे में धुआं है, आग है
गाना सभी को जीवन राग है क्या बचा है ?
कोई
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