कुछ भी हो चल
मौसम बदलते रहेंगे
लोग छलते रहेंगे
इरादे मत बदल
उतार- चढ़ाव होंगे
जोड़- घटाव होंगे
गिर पड़े तो क्या ?
उठकर फिर संभल
कहानी को समझ
कछुआ खरगोश की
जोश और होश की
कैसे होते हैं सफल ?
आती रहेगी काली रात
उम्मीदों के सूरज निकलते रहेंगे
राह रोकती रहेंगी उलझने
नया रास्ता बनाके निकल
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