तुझमे हुँ मैं गुमशुदा होना न तुम मुझसे जुदा
खो जाऊंगा कहीं गुम हो जाऊंगा कहीं तुमसे जो दूर हुआ
कैसे कैसे राहों पर चलके तुझको पाया है
गिर गिर के संभलके तेरे लायक खुदको बनाया है
तुझमे हुँ मैं… … ..
जाने कैसे कैसे जख्म खाए पर ना हम घबराये
कदम अपने लड़खड़ाये पर इरादे ना टूट पाये
तुही इरादा है जीने का वादा है
तुझमे हुँ मैं… .. … ..
तुझको जो देखा मैंने पाया है अपना ख़ुदा
खुद से मैं बाते करता कभी हँसता कभी हूँ रोता
तेरी मुस्कुरा हटों पे मेरी जिंदगी मुस्कुराता
कैसे मै जी पाउँगा तुझ बिन मर जाऊंगा
क्या तुझको नहीं है पता
तुझमे हुँ मैं… … … … .
तन्हाई में रातों को करवटें बदलते हैं
हंसी तेरी दिल के जख्मों पे मरहम मलते हैं
लफ्जों से कुछ कह न पाता सामना जो होजाता
तुझमे हुँ मैं… . … . . .
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