हम जानते हैं तुम फरेबी हो
तेरी फरेब में भी शुकुन मिला
है खुदा सबमें यकीन है जो
शिकवा हो क्यों किसी से गिला ?
हम जानते हैं………..
कैसे बताऊं लोगों को मैं ?
क्या छूटा मेरा ? , मुझे क्या मिला ?
हम जानते हैं ………..
बिजली की तरह वो चमकी
बादल की तरह मैं बरसा
वो प्यासी थी मैं था भूखा
मंजर भी था सूखा सूखा ।
ऊंचाइयों से अब डर है कहाँ ?
गहराइयों में जो उतरने लगे
अब क्या गहरा क्या उथला ?
कैसे बताऊं अब लोगों को मैं
क्या छूटा मेरा मुझे क्या मिला ?
हम जानते हैं…………
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