Dhadak uthta h dil

 

धड़क उठता है दिल, आज भी ,सुनके उनकी आवाजें

महक उठता है, एहसास का गुलशन ।

भीगी – भीगी यादों में, खो जाता मन ।

धड़क उठता ……..

 

सरसराती हवा, देती मुझको दवा

गुदगुदा के बिखेरती है खुशबू 

इन फिजाओं में

धड़क उठता ………

 

चला जाता है मन फिर वहीं, बातें हुई थी उनसे जहां 

बादल काले घनेरे, बरसते शाम सवेरे 

बहती है यादों की धाराएं ।

धड़क उठता ………..

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