देख लिया दुनियां
देख लिया दुनिया तुझको
पता है तेरे हर इम्तिहान
परखता रहता है कैसे तू
जीने वाले हर एक इंसान ।
तू आईना बनके सबके
नकाबों को हटाता रहता है
तेरे डर से इंसान यहां
इतनी नकाब लगाता है ।
जो तुझको जितना मानता
खुदको उतना पहचानता
जन्मा हूं तेरे बीच में आखिर
तेरे हर रंग से हूं वाकिफ ।
तू मुझको बेहतर जानता
देख लिया दुनिया तुझको
तू है मेरे अंदर बनके सार
हूँ मैं भी एक तेरा विचार ।
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