आजकल पुस्तक पढ़ने वाले जिंदगी को पढ़ना भूल रहें हैं
इसीलिए फंदे पर झूल रहे हैं।
क़िताबों की बात, जज़्बात …..
कहानी, करामात, सौगात …….
सभी के सभी बाहर से ही अंदर आये हैं, पन्नों में समाये हैं
आजकल पुस्तक पढ़ने वाले जिंदगी को पढ़ना भूल रहें हैं
इसीलिए फंदे पर झूल रहे हैं।
क़िताबों की बात, जज़्बात …..
कहानी, करामात, सौगात …….
सभी के सभी बाहर से ही अंदर आये हैं, पन्नों में समाये हैं
Sanjay Sathi is a contemporary writer & storyteller, based in India
Comment