भीड़
भीड़ में कौन किसकी सुनता है
भीड़ तो बस भेड़ चाल चलता है । 1
पर हां भेड़ का माथा जब फिर जाए
भीड़ को चाहने वाला भीड़ में गिर जाए । 2
भीड़ ने भी बहुत से करिश्मा दिखलाएं हैं
शेर को भी गीदड़ गीदड़ को शेर बनाए हैं । 3
अफवाह की भी होती है वाहवाही
लोकतंत्र के लिये ये लाते हैं तबाही । 4
मतदान देने वाले जब मतवार हो गए
दान लेने वाले आज साहूकार हो गए । 5
जिनको लोकतंत्र लगता है नया पचड़ा
वह सभी इस पर्व से बीमार हो गए । 6
इसीलिए कहता हूं भीड़ को पालना सीखो
समय-समय पर चारा पानी डालना सीखो । 7
लोकतंत्र के पर्व में यह भेड़ बड़े काम आते हैं
जनता की अकाल में यही भीड़ बढ़ाते हैं । 8
जहां सच सुनाई दे वहां भीड़ बढ़ा दो
भेड़ तो पाले हुए हैं बाकी समझा दो । 9
नक्कारखाने में किसी की तूती सुनाई नहीं देती
जहां तूती बोलने लगे वहां नक्कारखाना खुलवा दो ।10
कब सुनेंगे लोग अपने अंदर की आवाज
हर कोई गुमशुदा दिखाई देता है आज । 11
भीड़ बढ़ाने वालों ट्रैक्टर ट्रकों बसों में हि लादे जाओगे
जितना भीड़ का हिस्सा बनोगे अंत में भेड़ कहलाओगे । 12
भेड़ पालने वाला बहुत ही होशियार है
जानता है वह पर्व में ही भेड़ों का व्यापार है । 13
भीड़ का हिस्सा ना बनो रुको ए जनार्दन जनता
सोचो समझो निर्णय लो बनो लोकतंत्र का नियंता । 14
मास – मीडिया ये सब माया है
जिसने जनता को भरमाया है । 15
चार बैठकर खाली बकबक करते हैं
इनको वकवादी किसी ने बनाया है । 16
बंदर यहां नाचते हैं मदारी को कहीं दूर बैठाया है
जिसने सोच समझ के सच और झूठ छुपाया है। 17
ये सब रैली- वैली भीड़- भाड़ ताम – झाम
त्यौहार में बकरा हलाल करने के हैं इंतजाम । 18
मत बनो भीड़ का हिस्सा खत्म करो यह किस्सा
बनो जनार्दन जनता लोकतंत्र के सभी नियंता । 19
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