सबसे बड़ा दान है बेटी
रिश्तों की शान है बेटी
संबंधों का जोड़ है बेटी
परिवारों की सम्मान है बेटी।
कई रूपों में ढलती है
दुनियां इससे चलती है
पिता की अभिमान है बेटी
मां की पहचान है बेटी ।
गर ना हो जग में बेटियां
फिर जग का क्या होगा?
किसी ने भी सोचा क्या ?
इस जीवन का क्या होगा ।
अस्मत क्यों जग में लूट रहे ?
समाज की कड़ी क्यों टूट रहे ?
सोचना होगा हम सबको आखिर
हमसे परवरिश में क्या छूट रहे ?
सब कुछ लूटने वाला यह कौन ?
कब तक रहेंगे हम सब मौन ?
वह भी किसी मां- बाप का बेटा है
कैसे क्यों कब आग को समेटा है ?
अपने हाथों एक जहां जला डाला
आखिर हमने उसको कैसे पाला ?
हृदय में चुभता बार बार यह भाला
अमृत जीवन में था किसने घोला हाला ।
सबसे बड़ा दान है बेटी
परिवारों की सम्मान है बेटी
पिता का अभिमान है बेटी
मां की पहचान है बेटी ।
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