तू बनके मेरी साहस रग में बहती है
धड़कनों से तूने यह क्या कह दिया ?
बस में मेरा ये न रहता है
तू बनके मेरी साहस …….
कल्पनाओं में तुम मेरे आते हो
जाने कौन सी ? दुनिया में लेके जाते हो
जन्नत मुझे यह लगता है, जहां खुदा बैठा रहता है
तू बनके मेरी साहस ……..
तू ने छेड़ा मुझे ऐसी राग से, जलने लगा हूं अब आग से
जाने कैसी लगाई है तूने अगन, बढ़ने लगा है अब मेरा लगन
ये जहां अब तो नया लगता है, जर्रा-जर्रा मुझे कुछ कहता है?
तू बनके मेरी साहस………
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