Apni – apni rah / अपनी – अपनी राह

कल यहीं  पांव  चलेंगे

भविष्य का मार्ग गढ़ेंगे…………

 

आज ये जो कलियां हैं

कल  यही  फूल बनेंगे……….

 

हाथों को कुछ करने दो

इरादों  को संवरने चले………..

 

बुलंदी पे जाने के लिए

अपने पंख से उड़ने दो……….. 

 

कंधों को मजबूत बनाने 

कुछ बोझ को उठाने दो…………

तय  करने दो  फासला

बढ़ेगा जीत का हौंसला………. 

 

जीत की तैयारी में थोड़ा

हार  से  ठोकर  खाने दो………. 

 

हर ठोकर से मिले सीख

जरा अकेले मुस्कुराने दो……..

 

गिरने से बहुत हंसा जग

ठोकरों से  मिले नए मग……..

 

नए  राह में चला  है यारा 

खुद उसे भी आजमाने दो……..

 

Comment

There is no comment on this post. Be the first one.

Leave a comment