Aasut | आसुत

grayscale photo of man in suit

खुद से  प्रश्न करता 

खुद ही उत्तर ढूढ़ता

कभी  मन कचोटता

खुदको तोलता मोलता

जीवन को झकझोर

देखता हर ओर छोर

समझ न पाता जब मैं

खुदको तोड़ता जोड़ता

नया कुछ खोजता……

 

भावों के घटाओं से 

बून्द बनके गिरता 

बहके अनुभूतियों की धार

बिखरता और निखरता

अंतस की अगन खौलाएं

भाप बनकर मैं उड़ता

शक्ति का एहसास होता 

होके शीतल सा जल 

आसुत मैं बनता ……..

Comment

There is no comment on this post. Be the first one.

Leave a comment