सब में कोई तो है जो सब को समझता है
सदियों से देखता आ रहा मुस्कुराता रहा ।
कल जो बदनाम था हर वक्त साथ खड़ा रहा
कोई तो है आज बड़ा नाम कमा रहा ।
बरबर सभ्य बरबर युद्ध को सदैव रहे तत्पर
दिन -रात की लड़ाई क्या खत्म हो गई भाई ?
एक राहगीर ने पूछा तुम क्या लिखते -पढ़ते ?
अब तक के सभी वादों को मैंने उसे समझाया ।
बड़े ध्यान से उसने मेरे बताये बातों को सुना और सब को उसने धता बताया
बड़ी-बड़ी बातें करते हो अंत में क्या ? लड़- लड़ के लड़ते हुए नहीं मरते हो ।
सुनके रह गया अवाक उसने कहा जो बेबाक
इतिहास हमेशा से तो यही बताता दोहराता है ।
हां एक बात है आदम से आदमी तक किया सफर
बाहर से दिखता अलग है यह अंदर तो वही है नजर ।
उसने पूछा मुझे क्या तुम ईश्वर पर विश्वास करते हो
मैंने कहा हां विश्वास करता हूँ ,उस पर मेरी आस्था है।
बताओ भगवान ने इंसान को बनाया कि इंसान ने भगवान
मैंने कहा भगवान ने इंसान को बनाया सारा जग सजाया
बोला वह फिर इंसान ने भगवान को क्यों बनाया ?
जब भगवान ने इंसान को बनाया कौन भरमाया ?
दीया उत्तर मैंने यह प्रश्न इतना नहीं है सरल
बोला वह इसी में है मानव जीवन का गरल ।
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