Remort control / रिमोट कंट्रोल शाम का समय था यही कोई 6:00 बज रहे होंगे, घड़ी के कांटे अपन�... sanjay sathi
Rah – E – Dahar / राह ए – ए- दहर देख रहा हूं या हमें कोई दिखा रहा है खुद से समझा या कोई �... sanjay sathi
Gannaras | गन्ना रस यही कोई 3:00 बज रहे होंगे दोपहर का समय था, दिनांक 12 /04/ 2022 था।... sanjay sathi
Hamara Sangharsh | हमारा संघर्ष यही कोई 1:30 बज रहे होंगे तभी शौर्य का कॉल आया उस वक्त साग... sanjay sathi
Man se Antarman tak | मन से अंतर्मन तक मन बड़ा ही चंचल है, गतिमान है, जिस की गति को मापने का शा�... sanjay sathi
Mitti meri maa hai | मिट्टी मेरी मां है मिट्टी मेरी मां है इसकी सोंधी-सोंधी खुशबू बचपन में मम�... sanjay sathi
Vairagi ka Sansar | वैरागी का संसार सुबह 4:45 में मोबाइल का अलार्म बजने लगा श्याम गहरी नींद �... sanjay sathi
Saccha Insaan | सच्चा इंसान रायगढ़ शहर से करीब 11 - 12 कि. मी. दूर एक सब्जी वाला लड़का कर�... sanjay sathi
Kisan ki duvidha | किसान की दुविधा किसान अतका कमाथौ कहाँ जाथौ कई बच्छर होगे तभू ले भी अपन... sanjay sathi
Samjhaa nahi kyon | समझा नहीं क्यू समझा नहीं क्यों किसी ने हमको ? या समझा नही है हमने उन�... sanjay sathi
Intzaar kiska karta | इंतज़ार किसका करता कुछ मन कह रहा है घाव बड़ा ही गहरा है शांत, क्लांत, एक�... sanjay sathi
Baaton se baaten | बातों से बातें बातों से बातें हैं बनती बात बढ़ाने से बात बिगड जाती ब... sanjay sathi
Shahar walon kabhi aao gaon | शहर वाले कभी आओ गांव शहर वालों कभी आओ गांव रात बिताओ देखो धूप- छांव जीवन... sanjay sathi
Tumse baat kyon karta hun? | तुमसे बात क्यूँ करता हूँ? तुमसे बातें क्यों करता हूँ? तुम मुझे ये पूछती हो, जब से ... sanjay sathi
Mushkilon se mukhatib | मुश्किलों से मुख़ातिब मंजिल की राहों पर मुसीबतें आती ही हैं हमको सब बतान... sanjay sathi
Zindagi ka bhanwar | जिंदगी का भंवर देखा है मौत को भी हांफ्ते- हांफ्ते जिंदगी को देखा है क... sanjay sathi
Sirmaur ka Samay | सिरमौर का समय चल रहा हो जब दहशत का दौर हो धीर वीर करना सब कुछ गौर वक्�... sanjay sathi
Jable Aaish Baadar kariya | जबले आइस बादर करिया जबले आइस बादर करिया किसान के मन होंगे हरिया मेचका मन �... sanjay sathi
Teri hansi ek dawa hai | तेरी हंसी एक दवा है तेरी हंसी एक दवा है कहने लगी ये हवा है जाने ना तूने मु... sanjay sathi
Rang gaye Rangon me | रंग गए रंगों में पानी था मैं ना कोई था रंग लोगों ने क्या-क्या रंग डाला ... sanjay sathi
Chamakte dikhe hain | चमकते दिखे हैं रात के पन्नों पर पुरानी यादों के कुछ भविष्य के सपन�... sanjay sathi